World Consumer Rights Day 2022

जमाखोरी, मिलावट, कालाबाजारी,  नाप-तोल में गड़बड़ी, मनमाने दाम वसूलना, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी के बाद भी सेवा प्रदान नहीं करना जैसी समस्याओं से अक्सर ही ग्राहकों का सामना होता रहता है। तो इन्हीं समस्याओं से उन्हें छुटकारा दिलाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। विश्व उपभोक्ता दिवस उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जगाने के मकसद से इस दिन की शुरुआत हुई थी। लेकिन क्या है इस दिन के पीछे का इतिहास और महत्व और उपभोक्ता-सरंक्षण कानून जानेंगे इसी के बारे में विस्तार से।

 

World Consumer Rights Day 2022 इतिहास महत्व और अन्य जरुरी बातें

 

विश्व उपभोक्ता दिवस का इतिहास

 

उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत सबसे पहले 15 मार्च 1962 को अमेरिका में हुई थी लेकिन 1983 से यह दिवस हर साल 15 मार्च को मनाया जा रहा है। भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरूआत मुंबई में 1966 में हुई थी। इसके बाद पुणे में 1974 में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद कई राज्यों में उपभोक्ता कल्याण के लिए संस्थाओं का गठन किया गया। इस प्रकार उपभोक्ता हितों के संरक्षण की दिशा में यह आंदोलन आगे बढ़ता गया।

 

विश्व उपभोक्ता दिवस का उद्देश्य

 

विश्व उपभोक्ता दिवस मनाए जाने का खास उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाया जाए और अगर वे धोखाधड़ी, कालाबाजारी, नाप-तोल में गड़बड़ी, मनमाने दाम वसूलना, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी  इत्यादि के शिकार होते हैं तो वे इसकी शिकायत के पूरे अधिकारी हैं। 

 

उपभोक्ता संरक्षण कानून

 

ग्राहकों के साथ आए दिन होने वाली धोखाधड़ी को रोकने और उपभोक्ता अधिकारों को ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए देश में 20 जुलाई 2020 को 'उपभोक्ता संरक्षण कानून- 2019' (कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट- 2019) लागू किया गया, जिसमें उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की ठगी और धोखाधड़ी से बचाने के लिए कई प्रावधान हैं।

 

 

इस कानून के मायने

 

उपभोक्ता संरक्षण कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि हर वह व्यक्ति उपभोक्ता है, जिसने किसी वस्तु या सेवा के क्रय के बदले धन का भुगतान किया है या भुगतान करने का आश्वासन दिया है और ऐसे में किसी भी प्रकार के शोषण अथवा उत्पीड़न के खिलाफ वह अपनी आवाज उठा सकता है तथा क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है। खरीदी गई किसी वस्तु, उत्पाद अथवा सेवा में कमी या उसके कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के बदले उपभोक्ताओं को मिला कानूनी संरक्षण ही उपभोक्ता अधिकार है।

 

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का महत्व

 

भारत में, राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 24 दिसंबर को मनाया जाता है. क्योंकि भारत के राष्‍ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1949 के अधिनियम को स्वीकारा था. हालांकि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस आज के दिन यानी कि 15 मार्च को ही मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं कि भारत में उपभोक्ताओं के अधिकार क्या हैं? उपभोक्ता अधिकार की परिभाषा 'सूचना का अधिकार' है, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने निम्नलिखित अधिकार सूचीबद्ध किए हैं:

 

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2022 की थीम

 

हर साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है लेकिन हर साल यह दिवस एक विशेष थीम के अनुरूप बनाया जाता है. इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2022 की थीम है ‘फेयर डिजिटल फाइनेंस’.

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