क्या है ChatGPT?

ChatGPT बेहद ही दमदार AI / आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते प्रचलन और नई खोज से कई काम आसान होते रहे हैं. इस बीच  आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक से लैस  ‘चैटबॉट चैटजीपीटी’  पिछले साल नवंबर में लॉन्च हुआ और धूम मचा दी है. 2 महीनों में इसक यूजर की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई और यह इंटरनेट के इतिहास में सबसे तेजी से ग्रो करने वाला कंज्यूमर ऐप्लीकेशन बन गया. इतनी जबरदस्त सफलता और लोकप्रियता के बावजूद ChatGPT को लेकर हड़कंप मचा है कि इसके चलते कई नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है. चैटजीपीटी से मीडिया, लीगल, मार्केट रिसर्च, टीचर्स, कस्टर केयर सर्विस, ग्राफिक डिजाइनर्स, फाइनेंस जॉब टेक्नोलॉजी, और शेयर बाजार से जुड़ी कुछ नौकरियों के लिए खतरा बना है. फिलहाल जॉब मार्केट पर इतना खतरा नहीं है जितना भविष्य को लेकर आशंका जाहिर की गई है. दरअसल चैटजीपीटी की कुछ सीमाएं है. अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे.

 

क्या है ChatGPT?

 

ChatGPT / जेनरेटिव प्री ट्रेन सॉफ्टवेयर, जो कि एक AI सोफ्टवेयर है जो लोगों के सवालों के जवाब देता है. यह सॉफ्टवेयर किसी इंसान की तरह सोच-समझकर आपके सवालों के जवाब देता है,ओर आपको ऐसा लगेगा ही नहीं कि आपको एक मशीनी जवाब मिल रहा है. ये जवाब ठीक वैसा ही होगा जैसा कोई मनुष्य देता है. यही कारण है कि मार्केट में इस सॉफ्टवेयर की चर्चा तेज है और अभी से लोग जेपीटी को गूगल के लिए चैट खतरा बता रहे हैं. लगातार आ रही लोगों की प्रतिक्रया को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि ये गूगल को पीछे छोड़ देगा और सबसे आगे निकल जाएगा. चैटजीपीटी ऐप्लीकेशन के पास इंसानों जैसा कॉमन सेंस नहीं है फिर भी एक ऐसा मशीन लर्निंग सिस्टम है, जो डाटा के आधार पर रिसर्च करके परिणाम देता है. हालांकि, यह मौजूदा डाटा के आधार पर ही सैंपल जनरेट करता है. चूंकि आने वाले समय में यह तेजी से विकसित होगा इसलिए कई जॉब को खतरा हो सकता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन के कारण 2025 तक 97 मिलियन नए रोजगार सृजित होंगे. चैटजीपीटी को लेकर इस बात का डर है कि AI बहुत ही मानवीय व तकनीकी तरीके से और रिकॉर्ड समय में संकेतों और सवालों का जवाब देने में सक्षम है और इससे जॉब मार्केट को खतरा है. हालांकि, एक ग्लोबल एडवाइजरी फर्म का कहना है कि इस सोच से बाहर निकलने की जरूरत है कि रोबोट मनुष्यों की नौकरियां ले रहे हैं.

 

नपा-तुला जवाब देगा सॉफ्टवेयर:

 

चैट जीपीटी यूजर्स के सवालों का जवाब देगा लेकिन ये केवल कोई मशीनी जवाब ही नहीं होगें बल्कि इंसानों की तरह सोंच-विचार कर दिए गए जवाब की तरह होगा जिससे गलती की गुंजाइश ही नहीं होगी. जब आप गूगल सर्च करते हैं तो आपको कई सारे जवाब मिलते हैं जिनमें कुछ आपके काम के होते हैं और कुछ काम के नहीं होते हैं. हालांकि इस टूल के साथ ऐसी समस्या नहीं होगी.

 

कंप्यूटर ने नहीं छीनी नौकरियां, फिर ChatGPT से क्यों डरे?
 

जब कंप्यूटर का इस्तेमाल बढ़ने लगा, तो आशंकाएं जाहिर की जाने लगी थी कि यह कई नौकरियों को खा जाएगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. बल्कि कंप्यूटर ने हमारे काम को सरल और आसान कर दिया. ठीक इसी तरह चैटजीपीटी भी हमारे लिए उपयोगी और समय बचाने वाला साधन है. इससे सिर्फ उन लोगों को फर्क पड़ेगा, जो अपनी स्किल्स को समय के साथ विकसित नहीं करेंगे. कई जानकारों ने कहा, “मानव और मशीन की मदद से भविष्य का रास्ता आसान होगा.”

 

इन कामों में होगा सबसे आगे :

 

आपको बता दें कि ये सॉफ्टवेयर कुछ नौकरियों के लिए खतरा साबित हो सकता है. दरअसल ये सॉफ्टवेयर इंसान की भाषा समझता है और इंसान की तरह जवाब देता है. ऐसे में कॉल सेंटर की नौकरी करने वाले लोगों और कंटेंट राइटिंग करने वाले लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा सकता है.

 

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