मृत शरीर का सम्मान विधेयक - 2023 (Rajasthan Dead Body Respect Bill 2023)
मौत होने पर अस्पताल के सामने शव रख प्रदर्शन करने से रोकने के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक 2023, विधानसभा में प्रस्तुत किया गया है, जिस पर पहले चर्चा होगी और उसके बाद यदि ये बिल पास होता है और कानून का अमली जामा यदि इसे पहनाया गया तो मृत शरीर के साथ कोई भी नेता, परिजन व आमजन उसका दुरुपयोग नहीं कर सकेगा.आईएमए भी लम्बे समय से इस मांग को उठाता आ रहा है. राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधायक 2023 अगर 20 जुलाई को विधानसभा में चर्चा के बाद पास हो जाता है तो फिर मांगें मनवाने के लिए प्रदेश में कोई मृत शरीर के साथ प्रदर्शन नहीं कर सकेगा. ऐसा करने पर कुटुंब के व्यक्ति को 2 साल की सजा का प्रावधान होगा. वहीं, परिवार से बाहर का व्यक्ति होने पर उसे 6 महीने की सजा का प्रावधान किया गया है.
अंतिम संस्कार में कोई देरी नहीं कर सकेगा
आईएमए के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट डॉ. अशोक शारदा ने बताया कि इस विधेयक के पास होने के बाद प्रदेश में शव के पहुंचने में देरी और किसी चिकित्सकीय विधिक के चलते देरी के अलावा अंतिम संस्कार में कोई देरी नहीं कर सकेगा. चिकित्सा या कानून सम्बन्धी कारण या किसी परिजन के इंतजार के कारण को छोड़कर किसी अन्य कारण से शव को 24 घंटे से ज्यादा अवधि तक नहीं रखा जा सकेगा. यानी 24 घंटे में शव का उचित रीति से अंतिम संस्कार करना ही होगा. परिजनों को शव अपने कब्जे में लेना होगा और वे इसका उपयोग विरोध प्रदर्शन के लिए ना खुद कर सकेंगे और ना ही किसी को करने देंगे.
विरोध किया तो शव को पुलिस व प्रशासन अपने कब्जे में ले लेगा
यदि सम्बन्धित पुलिस थाने को यह आभास होता है कि शव को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है तो सम्बन्धित थानाधिकार शव को अपने कब्जे में ले सकेगा. वहीं कार्यपालक मजिस्ट्रेट परिजनों को 24 घंटे में अंतिम संस्कार करने का नोटिस देगा और यदि परिजन बात नहीं मानते हैं तो सरकार उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार करावेगी.
आईएमए लम्बे समय से कर रहा था इस कानून की मांग
आईएमए (IMA) के कोटा प्रेसिडेंट डॉ. अमित व्यास ने बताया कि इस मामले में कानून का उल्लंघन करने पर यानी मृत शरीर का कब्जा नहीं लेने पर एक साल तक, समय पर अंतिम संस्कार नहीं करने पर परिजनों को दो साल तक की सजा हो सकती है. वहीं कोई तीसरा व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे छह माह से पांच साल तक की सजा हो सकती है. विरोध प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आईएमए राजस्थान द्वारा इस कानून की मांग लंबे समय से की जा रही थी. इस संबंध मे आई एम ए प्रतिनिधिमंडल ने बहुत बार राज्य सरकार को ज्ञापन भी दिए थे.रान इसे सम्मिलित किया जा सके. इस बिल के तहत सरकार एक पोर्टल भी बनाएगी जिसमें मृत व्यक्ति का पूरा डाटा होगा, साथ ही वीडियोग्राफी भी होगी जो किसी भी परिस्थिति के अनुरूप आप की सहायता करेगी l
पोर्टल में होगा डिजिटल डाटा होगा
इस बिल में अस्पताल (Hospital) में इलाज के दौरान मृत्यु होने पर भी प्रावधान स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट होने चाहिए. इस बारे में आईएमए विधायकों से सम्पर्क कर रही है, जिससे विधानसभा में चर्चा की स्थिति में काम में ली जा सकेगी. वहीं पोर्टल के माध्यम से लावारिस व अन्य को ढूंढने में भी मदद मिलेगी और विभिन्न रूप में प्रदेश का डाटा तैयार होगा.