शिक्षा व्यक्ति के विकास और समुदाय की समृद्धि के लिए योगदान का कार्य करती है। शिक्षा के बिना एक सभ्य समाज की कल्पना करना मुश्किल है। शिक्षा ही है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। कोविड-19 (COVID-19) के कारण विश्व में लगभग सभी स्कूल बंद है। करीब 1.2 बिलियन विद्यार्थी अपनी क्लास अटेंड नही कर पा रहे है। परिणामस्वरुप शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही तेज़ी से परिवर्तन हुआ है और आज शिक्षा ऑनलाइन (education online) की ओर उन्मुख हुई है आज शिक्षा का रूप डिजिटल (digital education) हो गया है। रिसर्च बताती है कि ऑनलाइन शिक्षा ने इनफार्मेशन को बढाया है और टाइम को कम किया है। देखा जाये तो आज लॉकडाउन खुलने के बाद भी बच्चो की सेफ्टी को देखते हुए स्कूल बंद चल रहे है। उनकी एजुकेशन ऑफलाइन / ऑनलाइन क्लासेज (online classes) के माध्यम से दी जा रही है आज ऑनलाइन क्लासेज ने एजुकेशन का एक नया रास्ता खोल दिया है जो भविष्य में और अधिक विकसित होने के चांसेस है। ऑनलाइन एजुकेशन से बच्चो में ख़ुशी देखने को मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा ने लॉकडाउन (lockdown) में चल रही इस मुश्किल को आसान कर दिया है। अब विद्यालय के निर्देशों के अनुसार शिक्षक बच्चो को घर से ही ऑनलाइन पढ़ा रहे है ताकि शिक्षा में किसी भी प्रकार का व्यवधान न आये।
क्या है ऑनलाइन शिक्षा? What is Online Education?
ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का एक ऐसा माध्यम बन गया है, जिसके माध्यम से बच्चे घर बैठे ही अपने टीचर से इंटरनेट से जुड़कर देश के किसी भी कोने या प्रांत में रहकर पढ़ सकते है। इसे लोग ऑनलाइन क्लासेज भी कहते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के समय का चुनाव करके ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप, व्हाट्सप्प, गूगल मीट और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है। ऑनलाइन शिक्षा एक तरह का सिस्टम है जहाँ टीचर भिन्न प्रकार के एप का उपयोग करके शिक्षा को आसान (easy education) बना देते है।
ऑनलाइन एजुकेशन के फायदे
ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कई संचार मोड का उपयोग करके, शिक्षकों और छात्रों दोनों को विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान करने और देश के किसी भी कोने से काम करने का मौका देती है। ई-लर्निंग डिस्टेंट शिक्षा का एक रूप है, जहां शिक्षक दूर बैठे अपने छात्रों को ऑनलाइन प्लेटफोर्म के ज़रिये पढ़ाने का कार्य करता है। इसके कुछ फायदे है जो निम्न है –
1. समय की बचत /It Saves Time
ऑनलाइन एजुकेशन होने से बच्चो का स्कूल जाने में लगने वाले समय की बचत होती है। कई बार बच्चो को शिक्षा के लिए दूर जाना होता है जिसकी बजह से उन्हें थकान का भी अनुभव होता है जिसके कारण वो एकाग्र होकर पढाई नही कर पाते और एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे डांस, म्यूजिक आदि से दूर रह जाते है। ऑनलाइन शिक्षा से उनका समय बचता है।
2. सुविधाजनक /Convenient
ऑनलाइन एजुकेशन काफी सुविधाजनक होती है क्योकि इसमें छात्र घर बैठे ही शिक्षा ले सकता है और जहां चाहें वहां बैठकर पढ़ सकते हैं। बच्चों को गर्मियों के मौसम में काफी आराम मिल रहा है जिससे वो अपनी एनर्जी अच्छे से यूज़ कर सकते हैं।
3. टेक्नोलॉजी से रूबरू/ Interact with Technology
जैसा की हम सभी जानते है कि बच्चो की ऑनलाइन शिक्षा चल रही है और विडियो चैटिंग के माध्यम से क्लासेज ली जा रही है ऐसे में बच्चे नयी टेक्नोलॉजी सीख रहे है और इससे रूबरू हो रहे है। लगातार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का तरीका सीख रहे है वहीं, ऑनलाइन क्लासेस से टीचरों ने भी पढ़ाने का नया तरीका सीखा है और बच्चों को पढ़ाने और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने के नए रास्ते ढूंढें हैं।
4. पैसों की बचत /Saves Money
ऑनलाइन एजुकेशन होने से अब बच्चो को दूर स्कूल नही जाना पड़ रहा है जिसकी बजह से ट्रांसपोर्ट में होने वाले खर्चे में कमी हो रही है। साथ ही इसी में विडिओ नोट्स और सभी डाटा अनलाइन होने के कारण ट्यूशन का फीस भी बच रहा है।
5. टेक्नोलॉजी से शिक्षण व्यवस्था में बदलाव /Change in Education System
ऑनलाइन एजुकेशन के आने से टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है और शिक्षण व्यवस्था में भी बदलाव देखने को मिला है। ऑनलाइन क्लासेज से शिक्षण संबंधित उपयोग जैसे फाइल, लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में सक्षम रहते है। जिससे बच्चो को विभिन्न प्रकार से पढ़ने का भरपूर मौका मिलता है।
7. सीखने की ललक बढ़ना /Increase learning ardor
अब बच्चे अपनी क्लास लेने के बाद एक्स्ट्रा सीखने का प्रयास कर रहे है जैसे म्यूजिक, डांस, पेंटिंग आदि। साथ ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने से बच्चो में जानने की इच्छा प्रवल हुई है।
ऑनलाइन एजुकेशन के नुकसान:
जैसा की हम सभी जानते है कि जिस चीज़ के फायदे होते है उसके नुकसान भी होते है उसी प्रकार ऑनलाइन क्लास के जहाँ फायदे है वही कई नुकसान भी है। जो निम्न है –
1. माहौल ना मिलना /No interaction and Friendly atmosphere
ऑनलाइन एजुकेशन अक्सर बच्चे अपने घर पर अकेले ही रहकर लेते है जिसकी बजह से उनका आपस में कांटेक्ट नही हो पाता जिसके कारण बच्चे टीचर के संपर्क में न आने के कारण जो कांटेक्ट में आने से व्यवाहरिक रूप से सीखते है वो नही सिख पा रहे है। बच्चो को सीखने का एक माहौल नही मिल पाता और जो प्रतिस्पर्धा के कारण बच्चे आगे बढ़ने का प्रयास करते है वही ऑनलाइन में नही हो पाता। ऑनलाइन क्लासेस में स्कूल जैसा माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में मन भी कम लगता है।
2. इंटरनेट का गलत उपयोग/ Wrong use of Internet
आज ऑनलाइन एजुकेशन होने के कारण पेरेंट्स इन्टनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप या मोबाइल अपने बच्चो को दे देते है। कई बार बच्चे इसका गलत उपयोग करते है। कई बार पेरेंट्स इस बात पर ध्यान नही दे पाते और बच्चे क्लास के बहाने मोबाइल पर गेम खेलना, या अन्य ऑनलाइन एक्टिविटी में लग जाते है। साथ ही यह सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है, उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए इन्वोल्व नही हो पाते जिससे उनका विकास होना संभव नही हो पता। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा होना संभव नहीं है।
3. आत्म मूल्यांकन में कमी /Lack of self-assessment
स्कूलों में बच्चो की योग्यता को परखने के उद्देश्य से परीक्षाएं और होमवर्क का कार्य किया जाता है। जिससे टीचर बच्चे को समझ सकते है कि बच्चे में कहा बदलाब की जरुरत है और कहाँ पिछड़ रहा है साथ ही बच्चे भी अपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। परन्तु ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी देखने को मिलती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे ऑनलाइन बुक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।
4. आंखों और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव Bad effects on Eyes and Health
बच्चे ऑनलाइन क्लास के कारण घंटो मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करते है जिसकी बजह से उनकी आँखों और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा उपयोग से कम उम्र में ही उनको चश्मे लगवाने पड़ते है और बच्चो में कम उम्र में ही दर्द की समस्या देखने को मिलती है।
5. छात्रों को समझने में समस्या /Problem in Understanding by Students
मोस्टली टीचर क्लास में बच्चो को सीधे तरीके से समझ सकता है। क्योंकि क्लास में बच्चे टीचर के बोलचाल, हावभाव और प्रतिक्रिया को देखकर समझ सकता है कि आप क्या समझाना चाह रहे है? टीचर की बॉडी लैंग्वेज को समझ सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होती है।
6. इंटरनेट का होना अनिवार्य/ Internet is mandatory
ऑनलाइन एजुकेशन में इन्टरनेट का होना जरुरी है यदि किसी जगह इन्टरनेट उपलब्ध नही है उस स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।
7. अनुशासन की कमी / Lack of Discipline
स्कूल की क्लास में पढाई एक अध्ययन सूची और निश्चित अवधि के लिए होती है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। साथ ही बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है उतना ऑनलाइन क्लासेज में गंभीर नहीं होते है।
8. उत्साह में कमी / Lack of Enthusiasm
क्लास में बच्चे अक्सर सब्जेक्ट को लेकर उत्साहित रहते है जबकि ऑनलाइन एजुकेशन में उनमे उत्साह की कमी देखने को मिलती है। स्कूल और कॉलेज में टोपर और अन्य बच्चो के साथ प्रतियोगिता कराइ जाती थी, जिससे छात्रों में एक उत्साह देखने को मिलता था जो ऑनलाइन शिक्षा में देखने को नही मिलता।
निष्कर्ष/Conclusion
इस प्रकार हम कह सकते है कि ऑनलाइन शिक्षा में कई तरह के पहलु मौजूद है लेकिन साथ ही इससे हम यह नही कह सकते कि इस कोविड-19 के समय में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो, शिक्षको को एक साथ जोड़े रखा है और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है जिससे शिक्षा का आदान प्रदान नही रुक पाया। आज टेक्नोलॉजी ने इतना विकास कर लिया है कि हम घर बैठे ही शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ कुछ भी कर सकते है। आज ऑनलाइन एजुकेशन ही एक ऐसा साधन बना हुआ है जिससे बच्चे अपने टीचर से लगातार रूप से कनेक्ट है और बिना व्यवधान के अपनी पढाई को सुचारू रूप से चालू रखे हुए है।