मोटापा (Obesity) – क्या आप बढ़ते वज़न से परेशान हैं?

आज-कल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में  लोग अपने शरीर का ध्यान नहीं रख पाते| उनके लिए एक क्रियाशाली और स्वस्थ जीवन जीना उतना आसान नहीं रह पाता| इस वजह से, कुछ अध्ययन के अनुसार, 2018 में 56% भारतीय नागरिक मोटापा (obesity) से पीड़ित |

 

मोटापा /obesity एक ऐसी अवस्था है जिसमे वज़न बढ़ने की वजह से आपके शारीरिक रूप में बदलाव भी आता है और आपके शरीर में अन्य रोगों को जन्म भी देता है| इस बीमारी में अत्यधिक मात्रा में चर्बी (fat) आपके शरीर में जमा होना शुरू हो जाता है| समय-पूर्वक निदान और उपचार ही मोटापा से जूझने का एकमात्र तरीका है| अथवा  मोटापा (Obesity) वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालती है। यह आयु को भी घटा सकता है। शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), लंबाई और मानव भार का अनुपात होता है, जब 25 कि.ग्रा./मी. और 30 कि.ग्रा/मी के बीच हो, तब मोटापा-पूर्व स्थिति; और मोटापा जब ये 30 कि.ग्रा/मी. से अधिक हो।

 

मोटापा बहुत रोगों से जुड़ा हुआ है जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति इत्यादि । मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में लोग मोटे पाये जाते हैं। मोटापा कम करने के लिए सुबह सुबह गर्म पानी  पीना चाहिए जिस से शरीर के अंदर वसा जमा न हो, जिससे मोटापा नही बड़ेगा.

 

मोटापा क्यों होता है (what causes obesity)?

 

 

 

1.स्वस्थ जीवन-शैली


ज़्यादा तेल-युक्त आहार और जंक फ़ूड के सेवन से आपके शरीर में कैलोरी जमा होते रहते हैं| यदि आप रोज़ अस्वास्थ्यकर भोजन खाएं और नियमित तौर पर व्यायाम भी न करें| इस वजह से शरीर में चर्बी एकत्र होना शुरू हो जाता है|

  • मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।
  • अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है।
  • कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।
  • असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।
  • शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है, यह भी मोटापे का एक कारण है।
  • बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है।
  • कई लोगों को दिन मे खाना खाने के बाद सोने की आदत होती है जो मोटापे का कारण बन सकती है।
  • बहुत ज्यादा मीठे का सेवन करने से भी मोटापा बढ़ने का खतरा रहता है |

 

2. मेडिकल कारण


PCOD, hypothyroidism और Cushing’s Syndrome जैसे हार्मोनल समस्याओं की वजह से भी मोटापा जैसा रोग बढ़ सकता है| अतिरिक्त हार्मोन के आलावा, कुछ दवाओं जैसे steroids या antipsychotics के सेवन से भी आपके वज़न पर असर पढ़ सकता है|

 

3. आनुवांशिक कारण (genetic causes)


पारिवारिक या आनुवांशिक कारणों की वजह से भी आपको मोटापा का खतरा हो सकता है| इसका मतलब जन्मजात रोग की वजह से शिशु को बचपन से ही मोटा होने की प्रवृत्ति होती है| यह रोग अत्यधिक भूख (hyperphagia) से भी जुड़े हो सकते हैं|

 

 

मोटापे के लक्षण

 

मोटापा, शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन में कई सारे परिवर्तन लाता है। जिनके कारण व्यक्ति में इसके लक्षण परिलक्षित होते हैं। किन्तु कई बार लोग इन्हें महत्त्व नहीं देते और इसके बारे में कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं लेते जो आगे चलकर उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। मोटापे के प्रमुख्य लक्षण निम्न प्रकार हैं। :

• सांस फूलना – बार-बार साँस फूलने की समस्या जो कई कारणों से और कई रोगों का कारण बनता है।

• पसीना में वृद्धि – अचानक से बार-बार पसीना आना और वह भी बहुत, यह दर्शाता है कि व्यक्ति मोटापे से ग्रसित है।

• खर्राटे - मोटापे से बेहाल लोगों को नींद में बहुत खर्राटे लेते देखा जा सकता है मोटापा बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या और भी बढ़ती जाती है।

• शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में असमर्थता का  अनुभव करना – सामान्य रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ होते जाने का संबध भी मोटापे से है और ये मोटापे का सबसे प्रमुख्य लक्षण भी हैं। 

• प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना- आमतौर पर बिना किसी अतिरिक्त कार्यभार के लगातार थकान का अनुभव करना भी मोटापे का ही एक लक्षण है।

• पीठ और जोड़ों में दर्द – मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों में पीठ और जोड़ों के दर्द सामान्य रूप से देखा जा सकता है। 

• आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी का अनुभव – शारीरिक समस्याओं के कारण  काम को करने की क्षमता में कमी आ जाती है और स्वयं पर विश्वास भी नहीं होता जिसके चलते आत्मसम्मान में भी कमी आ जाती है। 

• अकेला महसूस करना – मोटापे में अकेलापन अनुभव करना एक आम बात है। शारीरिक परिवर्तनों के चलते लोग स्वयं को सबसे अलग और एकाकी महसूस करते हैं। 

• जरुरत से ज्यादा या कम सोना- यदि हम जरुरत से ज्यादा सोते है तो यह भी हमारे मोटापे का बहुत बड़ा लक्षण होता है

 

मोटापे से जुड़ी समस्याएं

 

शरीर में कई समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे:

पित्ताशय में पथरी, कोरोनरी ह्रदय का रोग, मोटापे की वजह से fatty liver की उपस्थिति (non-alcoholic fatty liver), टाइप 2 मधुमेह, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल (hyperlipidemia), उच्च‍ रक्‍तचाप (hypertension or high blood pressure), sleep apnea, हार्मोनल असंतुलन, Hypogonadism, कैंसर, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल, गैस्ट्रोओस्फोजियल रिफ्लक्स डिजिज (जीईआरडी), उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अवसाद, जोड़ों की ओस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, और श्वसन समस्याएं, यूरिनरी स्ट्रेस इंकांटिनेंस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं। जैसे की आम-तौर पर माना जाता है, वज़न बढ़ना मोटापा का एक मात्र लक्षण नहीं है| मोटापा के लक्षण शारीरिक बदलावों के रूप में भी महसूस हो सकते हैं जैसे कि –अनियमित तौर पर माहवारी, नींद में परेशानी (snoring, and increase in day-time sleep), घुटनो के जोड़ों में दर्द, सांस फूलना, गर्दन के पीछे, बगल में या श्रोणि हिस्से में चमड़ी में काले निशान (acanthosis), पेट पर असाधारण, गुलाबी निशान (pinkish or purplish streaks),

 

मोटापा कैसे कम करें /how can obesity be treated?

 

मोटापे का इलाज तीन पड़ावों में किया जा सकता है – जीवन शैली में परिवर्तन, मोटापा घटाने की दवा या pharmacotherapy, और सर्जरी|

 

उचित वजन: मोटापा (obesity meaning in hindi) का निदान आपके Body Mass Index (BMI) के बलबूते पर किया जाता है| इसकी गणना आपके वज़न (kg) और कद (m) को भाग करके निकाला जाता है|

 

एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और यह शरीर के व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है।  एक अत्यधिक मोटे व्यक्ति, जिसका भार/लंबाई अनुपात ४६ कि.ग्रा/मी: भार:१४६ ki.grA (३२२ पाउण्ड), ऊँचाई १७७ से.मी (५ फीट १० इंच)

 

https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/b/b9/Obesity6.JPG/220px-Obesity6.JPG

 

 

भार/लंबाई अनुपात

वर्गीकरण

< 18.5

कम भार

18.5–24.9

सामान्य भार

25.0–29.9

अधिक भार

30.0–34.9

श्रेणी-१ मोटा

35.0–39.9

श्रेणी-२ मोटा

> 40.0

श्रेणी-३ मोटा  

 

क्या मोटापा का इलाज किया जा सकता है / can obesity be cured?

 

“मोटापा को ‘lifestyle disease’ भी कहा जाता है| इसका मतलब इस रोग का इलाज तब ही किया जा सकता है जब आप अपने जीवन-शैली में अनुशासन  बरक़रार रखें,” रश्मि को डॉ. सिल्विया ने समझाया|

 

1.जीवन शैली में परिवर्तन (Lifestyle changes) –

 

उच्च कार्ब्स और स्टार्चयुक्त आहार, ज़्यादा तेल में बना हुआ खाना या क्रीम-युक्त आहार, processed या packaged जंक फूड, आदि का सेवन कम करें|

 

अपने खाने के पकाने के तरीके पर ध्यान दें, और माँसाहारी खाने का सेवन कोरमा या ग्रेवी के बजाय भुने तरीके से करें|

‘Food Plate Method’ के इस्तेमाल से अपने भोजन पर संतुलन रखें| आपके थाली में 2 servings सब्ज़ियों का हो, 1 serving प्रोटीन जैसे दाल, पनीर या अंडा हो, और 1 serving अनाज जैसे आटा, जुआर, बाजरा होना चाहिए|

 

 

 

इसके आलावा, हफ़्ते में 5 दिन आधा घंटा भागने, टहलने, भागना, टहलना, या एरोबिक्स, स्विमिंग, और साइकिलिंग करना आपके सेहत के लिए महत्वपूर्ण है| नियमित तौर पर व्यायाम करने की आदत डालने पर सिर्फ वज़न कम ही नहीं, लेकिन हॉर्मोन्स संतुलन में भी रहते हैं|

 

2. Pharmacotherapy –

 

डॉक्टर कुछ दवा या इंजेक्शन के इस्तेमाल से आपके शरीर में जमे हुए चर्बी को घटाने की कोशिश भी कर सकते हैं| इनके सेवन से आपके खाने की इच्छा को कम, या आपके पाचन की गति को धीमा किया जा सकता है|

ध्यान में रखें की आपको दवा लेने की सलाह तब ही दी जाएगी जब कुछ अवधि के लिए अपने जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश की और कामयाब न हो पाए| आपको पहले कुछ oral दवा निर्धारित की जाएगी जिससे वज़न घटाने में आसानी हो| हाल ही में, वज़न घटाने के लिए injectable दवा भी अनुमोदित किए गए हैं|

 

3. मोटापा घटाने की सर्जरी / इलाज बेरिएट्रिक सर्जरी (Bariatric surgery) –

 

जो बहुत अधिक मोटे हैं और आहार में सुधार, व्यायाम तथा/अथवा दवाइयां जैसी वजन घटाने वाली चिकित्सक की निगरानी में की जाने वाली रणनीतियों से वजन नहीं घट रहा हो तो वजन घटाने वाली सर्जरी का सहारा लिया जाता है। यह बहुत अधिक मोटे लोगों के लिए जीवन रक्षक एवं जीवन में बदलाव लाने वाला उपचार है।सर्जरी के बारे में तब ही सोचना चाहिए जब आप 6 महीने से 1 साल तक वज़न घटाने की कोशिश कर रहे हैं और कामयाब नहीं हो पा रहें| अगर आपका BMI 37.5 से ऊपर हो, या 32.5 हो और और साथ में अन्य कोई बीमारी हो जैसे type 2 मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, आदि, तब आप सर्जरी करवा सकते हैं|

 

यह कैसे किया जाता है : अधिकांश बैरिएट्रिक सर्जरी की प्रक्रियाओं  के तहत खाने जाने वाले भोजन की मात्रा को सीमित कर दिया जाता है तथा मरीज कम खाने पर भी ऐसा महसूस करता है कि उसने काफी भोजन कर लिया है। यह सर्जरी हमेशा कीहोल सर्जरी का उपयोग करते हुए की जाती है।

 

“Bariatric के दो प्रकार होते हैं – restrictive और malabsorption,”

 

Restrictive सर्जरी में पेट के आकर को कम किया जाता है, जिसकी वजह से आपका पेट ज़्यादा देरी तक भरा हुआ महसूस होता है| एक प्रकार की restrictive सर्जरी को Sleeve Gastrectomy को कहा जाता है जिसमे छोटे कट के इस्तेमाल से पेट के एक हिस्से को laparoscopically निकला जाता है| Malabsorption सर्जरी जैसे की gastric bypass करने पर आपके पेट का खाना पचाने की क्षमता कम हो जाती है|

 

सर्जरी के बाद क्या होता है?

 

Laparoscopic bariatric सर्जरी एक सुरक्षित और minimally-invasive प्रक्रिया है जिसमे कम और छोटे कट का उपयोग किया जाता| इस वजह से आपको अस्पताल में सिर्फ 2-3 दिन ठहरना होगा| सर्जरी के बाद आपको भूखे रहने की ज़रुरत नहीं है क्योंकि आपके खाने की इच्छा खुद धीरे-धीरे कम होने लगेगी|

 

क्या सर्जरी के बाद मोटापा वापिस आ सकता?

 

हालांकि सर्जरी का प्रभाव लंबे समय तक रहता है, लेकिन सावधानियां न बरतने पर आपका वज़न फिर से बढ़ने लग सकता है| सर्जरी आपके खाने की इच्छा को कम कर सकता है, लेकिन अपने आहार पर शासन बनाए रखना आपकी ज़िम्मेदारी है| अगर आप अपने डॉक्टर और dietician के सलाह से अपने सेहत और आहार पर संतुलन बनाए रखें तो आप पहले 6 महीनों में तेज़ी से अपना वज़न कम होता हुआ महसूस करेंगे| 6 महीने के बाद वज़न घटना कम या धीमा हो जाता है, और 2 साल के अंदर रुक जाता है|

 

ज़्यादातर परिस्थितियों में आपके डॉक्टर आपको आपके रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में कुछ बदलाव लाने को कहेंगे| लेकिन अगर आपके ब्लड टेस्ट रिजल्ट में अन्य जटिलताओं का पता लगे, तब आपको दवाओं या सर्जरी का सुझाव दिया जा सकता है| वजन कम करने के लिए लिये उपभोग की जाने वाले खाद्य पदार्थों में यह ध्यान रखना चाहिए कि उनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और चर्बी तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो।

 

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