कर्मचारी भविष्य निधि संगठन - ईपीएफओ - ई-नॉमिनेशन -1951-2022

ईपीएफओ विश्व में सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन है और वर्तमान में अपने सदस्यों से संबंधित 24.77 करोड़ खातों (वार्षिक रिपोर्ट 2019-20) का रख रखाव कर रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि की स्थापना दिनांक 15 नवम्बर 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के जारी होने के साथ हुई। इपीएफओ आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत नॉमिनेशन, को अनिवार्य किया है ई-नॉमिनेशन के पीछे इपीएफओ का उद्देश्य अपने सदस्यों के परिवार को सोशल सिक्युरिटी प्रदान करना है. अगर आपने अपने इपीएफ अकाउंट में किसी को नॉमिनी नहीं बनाया है, तो आपको परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा. नॉमिनी ऐड नहीं करने पर पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने में दिक्कत आती है. अभी हाल ही में नौकरीपेशा लोगों के लिए पेंशन मैनेज करने वाली संस्था इपीएफओ (EPFO) ने नॉमिनेशन, को अनिवार्य किया है आज हम इपीएफओ की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे l

 

 

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कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ)- भारत के वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए सबसे लाभदायक एवं लोकप्रिय निवेशों में से एक है।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय  के अंतर्गत कार्यरत वैधानिक निकाय है जिसका उद्देश्य कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत निर्धारित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का क्रियान्वयन करना है। इस योजना के अंतर्गत संस्था के कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन एवं बीमा संबंधी लाभ प्रदान किये जाते हैं। बीस या इससे अधिक कार्यरत कर्मचारियों वाले सभी संगठनों को भविष्य निधि खाता रखना आवश्यक है। अपने सदस्यों को पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सेवाएँ ऑनलाइन प्रदान करता है। इस तरह ये सेवाएँ सभी को आसान एवं सुगम तरीक़े से उपलब्ध करवाई जाती हैं।

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल ही में एक नई सेवा शुरू की है जिसकी मदद से कर्मचारी अपने भविष्य निधि खाते की राशि एक संस्था से दूसरे संस्था में ऑनलाइन स्थानांतरित- कर सकते हैं। अब अगर कोई कर्मचारी अपनी नौकरी बदल कर एक संस्था से दूसरी संस्था में जाता है तो वह अपने भविष्य निधि खाते की राशि के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। यह ऑनलाइन प्रक्रिया एकदम आसान है। भविष्य निधि खाते की राशि के स्थानांतरण की सेवा-नियोक्ताओं के लिए भी उपलब्ध है। कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों ही आवेदन करने से पहले स्थानांतरण संबंधी दिशा-निर्देशों को जरुर पढ़ें। संगठन द्वारा अपने सदस्यों को भविष्य निधि से संबंधित कई प्रमुख सेवाएँ पहले से ही ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं एवं इस दिशा में और नई पहल की जा रही है ताकि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कार्यरत सभी कर्मचारियों को ये सेवाएँ आसानी से उपलब्ध करवाई जा सकें।

 

 

भारत में कर्मचारी भविष्य निधि की शुरुआत

 

 

1   भारत में कर्मचारी भविष्य निधि की शुरुआत 

 

कर्मचारी भविष्य निधि सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए बचत का एक प्रमुख साधन है। इसकी शुरुआत 15 नवंबर, 1951 को कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश के आने के पश्चात हुई थी। इसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 पारित किया गया जो अब कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के नाम से जाना जाता है। यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में लागू है। कर्मचारी भविष्य निधि विधेयक वर्ष 1952 में संसद में पेश किया गया था। यह उस वर्ष का 15वाँ विधेयक था जो संसद में पेश किया गया था। इसका उद्देश्य कारखानों एवं अन्य संगठनों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि संस्था की स्थापना करना था। 1952 में इस अधिनियम के लागू होने के बाद से अब तक इसमें 15 बार संशोधन किया जा चुका है।


 

2   कर्मचारी भविष्य निधि का सदस्य कौन-कौन बन सकता है?

 

संस्था के सभी कर्मचारी अपने कार्यग्रहण तिथि से ही भविष्य निधि के सदस्य बनने के पात्र होते है। इसके सदस्य बनने के पश्चात कर्मचारी भविष्य निधि, पेंशन एवं बीमा संबंधी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक कर्मचारी को कार्यग्रहण के समय भविष्य निधि योजना के लिए अपना नामांकन करवाना होता है।

 

सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्य पोर्टल- पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं एवं अपना ई-पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं। इस ई-पासबुक में भविष्य निधि खाते के लेन-देनों की जानकारी दी गई होती है। आप इन सेवाओं का उपयोग करने संबंधी सहायता भी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

3   अंशदान 

 

भविष्य निधि कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा एवं स्थिरता प्रदान करता है। भविष्य निधि खाते में कर्मचारी का अंशदान उसके संस्था में शामिल होने के बाद शुरू हो जाता है। यह अंशदान नियमित तौर पर किया जाता है। कर्मचारी अपने मासिक वेतन का एक छोटा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में बचाता है ताकि सेवानिवृत्त होने के पश्चात या जब वह काम करने में सक्षम न हो, तब वह इस बचत राशि का उपयोग कर सके।

 

 

नियोक्ता एवं कर्मचारी द्वारा अंशदान

 

 

नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों के द्वारा वेतन का 12 प्रतिशत भविष्य निधि में जमा किया जाता है। इसके अतिरिक्त नियोक्ता को कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत लाभों के प्रबंधन हेतु भी अंशदान करना होता है।

 

नियोक्ता एवं कर्मचारी द्वारा अंशदान :

 

 

 

अंशदान खाता

 

प्रबंधन खाता

कुल

 

ईपीएफ

 

ईपीएस

 

ईडीएलआई

 

ईपीएफ

ईडीएलआई

 
   

 

 

 

 

 

 

 

   

कर्मचारी

12

 

0

 

0

 

0

 

0

12

   

 

 

 

 

 

 

 

   

नियोक्ता

3.67

 

8.33

 

0.5

 

1.10

 

0.01

13.61

कुल

15.67

 

8.33

 

0.5

 

1.10

 

0.01

25.61

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

विशेष श्रेणी के अंतर्गत निर्धारित संस्थाओं के लिए भविष्य निधि में अंशदान करने की सीमा 10 प्रतिशत है, ये संस्थाएं निम्नलिखित हैं : 

 

ऐसी संस्था जिसमें 20 से कम कर्मचारी कार्यरत हों।

 

ऐसी औद्योगिक कंपनी जिसे औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर घोषित कर दिया गया हो।

 

ऐसी संस्था जिसका किसी वित्तीय वर्ष के अंत में कुल घाटा उस संस्था के कुल लागत के बराबर या उससे ज्यादा हो।

 

जूट, बीड़ी, ईंट, काथी एवं ग्वार गम उद्योग से जुड़ी संस्था।

 

6500 रुपये या इससे ज्यादा वेतन प्राप्त करने वाले 

 

इन अंशदानों को निवेश के निर्धारित तरीक़े से निवेशित किया जाता है। सदस्यों के भविष्य निधि राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज दिया जाता है।ब्याज का दर भारत सरकार- द्वारा हर वर्ष निर्धारित किया जाता है।


 

4  कर्मचारी भविष्य निधि योजना के तहत कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ

 

 

कर्मचारी भविष्य निधि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निवेश है। इस पर दिया जाने वाला ब्याज कर मुक्त होता है एवं इसके परिपक्वता संबंधी लाभ भविष्य में आर्थिक रूप से काफी सहायक सिद्ध होते हैं। अगर लम्बे समय तक भविष्य निधि के रूप में धन की बचत की जाए तो यह कर्मचारी के लिए भविष्य में एवं सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होता है।

 

आपातकालीन स्थिति में हमें अक्सर धन की कमी महसूस होती है एवं उस समय हमारे पास लोगों से उधार मांगने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी भविष्य निधि हमारे लिए सहायक सिद्ध होता है क्योंकि जिस तरह का लाभ हमें इसमें प्राप्त होता है, वैसा लाभ किसी और निवेश से प्राप्त नहीं होता है। भविष्य निधि का उपयोग समय-समय पर विभिन्न जरूरतों के लिए किया जा सकता है। इसमें मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं : 

 

सेवानिवृत्ति, नौकरी छोड़ने एवं मृत्यु होने की स्थिति में कुल संचित राशि एवं उसका ब्याज दिया जाता है।

 

कुछ विशेष खर्चों, जैसे - गृह निर्माण, उच्च शिक्षा, शादी, बीमारी इत्यादि के लिए आप इसमें से आंशिक रूप से पैसे निकल सकते हैं।

 

कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत आने वाली किसी भी संस्था में कर्मचारी के रूप में जुड़ने के पश्चात यह आवश्यक है कि वह अपने नियोक्ता को एक घोषणापत्र दे जिसमें इस बात की जानकारी दी गई हो कि वह पहले से भविष्य निधि का सदस्य है या नहीं। ऐसा करना इसलिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि कर्मचारी सेवा में निरन्तर बना रहेगा एवं उसे इससे मिलने वाले लाभ भी प्राप्त होते रहेंगें।

 

अगर कोई कर्मचारी पहले से भविष्य निधि का सदस्य है तो उसे प्रपत्र 13  भी भरना होगा ताकि उसके पुराने खाते का विवरण एवं उसमें उपलब्ध शेष राशि को नए खाते में स्थानांतरित किया जा सके।

 

 

5  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन सेवाएँ

 

 

1  कर्मचारियों के लिए

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा कर्मचारियों को कई ऑनलाइन सेवाएँ, जैसे - खाते में उपलब्ध शेष राशि की जानकारी, दावा की स्थिति की जानकारी, स्थानांतरण की सुविधा इत्यादि प्रदान की जा रही हैं।

 

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन सेवाएँ

 

 

खाता स्थानांतरण दावा पोर्टल

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने हाल ही में एक नई प्रणाली की शुरुआत की है जिसकी मदद से सदस्य अपना भविष्य निधि खाता ऑनलाइन स्थानांतरित कर सकते हैं। इस प्रणाली की मदद से खाता स्थानांतरण की प्रक्रिया को सभी के लिए आसान एवं सुगम बनाने एवं इसमें पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है।

 

 

खाते में उपलब्ध शेष राशि संबंधी पूछताछ एवं दावा

 

कर्मचारी अपने दावे की स्थिति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं –

 

अपने दावे की स्थिति जानें- सदस्य अपने भविष्य निधि खाते की शेष राशि की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ जानकारियाँ, जैसे - अपना नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि देनी होंगीं। इसके बाद आपका भविष्य निधि खाता संख्या एवं मोबाइल नंबर का विवरण सुरक्षित कर लिया जाता है। सफलतापूर्वक प्रपत्र भरने के पश्चात आपके खाते में उपलब्ध शेष राशि की जानकारी दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के द्वारा भेज दी जाएगी।

 

 

ऑनलाइन पासबुक :

 

आप संगठन के सदस्य पोर्टल- पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं एवं अपना पासबुक डाउनलोड कर सकते हैं। इस पासबुक में भविष्य निधि खाते के लेन-देनों का विवरण दिया जाता है। आप इस सुविधा का लाभ उठाने संबंधी सहायता भी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

2  नियोक्ताओं के लिए

 

 

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा नियोक्ताओं को भी विभिन्न ऑनलाइन सेवाएँ- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं प्रदान की जा रही हैं। नियोक्ता भविष्य निधि से संबंधित विभिन्न सेवाओं, जैसे - खाते का स्थानांतरण, ईसीआर/चालान जमा करने, संस्था की खोज इत्यादि का लाभ पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।

 

नियोक्ता स्वयं द्वारा भेजी गई रकम की स्थिति का पता लगा सकते हैं कि वह रकम भुगतान सूची में दर्शायी गई है या नहीं। नियोक्ता ईसीआर के विरुद्ध सदस्य के पासबुक की उपलब्धता की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके उपलब्ध होने की स्थिति में नियोक्ता पोर्टल पर लॉग इन के पश्चात यह डाउनलोड किया जा सकता है।

 

 

6  भुगतान में हुई चूक या विलम्ब से हुए नुकसान की पूर्ति

 

 

अगर नियोक्ता कर्मचारी पेंशन निधि में अंशदान नहीं करता है अथवा अधिनियम या योजना के अन्य प्रावधानों के तहत देय अन्य शुल्कों के भुगतान में चूक अथवा विलम्ब करता है तो निम्नलिखित दरों के आधार पर नियोक्ता को इस नुकसान की पूर्ति करनी होगी। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त या सरकारी राजपत्रित अधिसूचना के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी द्वारा यह राशि वसूली जाएगी।

 

भुगतान में हुई चूक या विलम्ब से हुए नुकसान की पूर्ति

 

विलम्ब या चूक की अवधि

क्षतिपूर्ति का दर (प्रतिवर्ष बकाया का प्रतिशत)

दो महीने से कम

      5%

दो महीने से ज्यादा एवं चार महीने से कम          

     10%

चार महीने से ज्यादा एवं छह महीने से कम

     15%

छह महीने एवं उससे ज्यादा

      25%

 

7  शिकायत दर्ज करवाने संबंधी जानकारी

 

अगर आपकी संस्था आपके भविष्य निधि में अंशदान नहीं करती है अथवा अंशदान में चूक या विलम्ब करती है तो आप इसकी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए आपको एक ऑनलाइन प्रपत्र भरना होगा जिसमें आपको अपनी संस्था के बारे में एवं शिकायत संबंधी अन्य विवरण देने होंगें। आप अपनी दर्ज शिकायत की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को शिकायत संबंधी अनुस्मारक भेज सकते हैं।

 

 

8   कर्मचारी भविष्य निधि योजना के अंतर्गत आने वाले संस्थाओं की श्रेणी

 

वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत संस्थाओं- की 187 श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं। इन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाली किसी भी संस्था, जिसमें 19 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं, पर कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 लागू होता है।

 

 

9 पूर्व निकासी से बचें :

 

शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति कर्मचारी भविष्य निधि का उपयोग उपकरणों को खरीदने के लिए कर सकते हैं। कर्मचारी प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसानों की भरपाई हेतु भी कर्मचारी भविष्य निधि का उपयोग कर सकते हैं। सदस्यों के लिए अपने परिवार के सदस्यों को मनोनीत करने का विकल्प भी मौजूद है ताकि कर्मचारी के निधन के पश्चात खाते की राशि उसके परिवार के सदस्यों को दी जा सके। कर्मचारियों को यहाँ इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि नौकरी बदलने के पश्चात भविष्य निधि खाते की राशि निकालना तभी वैध माना जाएगा जब कम-से-कम दो महीने तक कर्मचारी को कोई नौकरी नहीं मिली हो। कर्मचारी भविष्य निधि का मुख्य उद्देश्य लम्बी अवधि के लिए निवेश करना है। अतः इसका उपयोग तभी करना चाहिए जब कर्मचारी के लिए यह एक अंतिम विकल्प हो।

 

 

10 ई-नॉमिनेशन के फायदे

 

ई-नॉमिनेशन करने पर इपीएफ सदस्य को तीन तरह के बड़े फायदे मिलते हैं. सबसे पहला, अगर किसी आकस्मिक हालातों में खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो, दावे का ऑनलाइन निपॉान किया जा सकता है. 

 

दूसरा, बनाए गए नॉमिनी को पीएफ के साथ पेंशन और बीमा (7 लाख रुपये तक) का ऑनलाइन भुगतान किया जाता है. इपीएफओ अपने सदस्यों और उनके परिवारजनों को कुछ सोशल सिक्योरिटी का लाभ देता है. इनमें इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंशोरेंस स्कीम (EDLI) के तहत खाताधारक की आकस्मिक मृत्यु में नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलती है. अगर आपने ई-नॉमिनेशन नहीं किया है तो आपके परिवार को इसका लाभ नहीं मिलेगा. 

 

तीसरा बड़ा फायदा यह है कि, सभी तरह के दावों का तुरंत और पेपरलेस निपटान होगा. 

 

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