अमृत मिशन का द्वितीय चरण(AMRUT 2.0) – 2022:
शहरों के परिवार को बुनियादी एवं सुख सुविधाएं मुहैया कराने हेतु भारत सरकार द्वारा अमृत योजना का शुभारंभ सर्वप्रथम 2011 में किया गया। इस योजना के माध्यम से लोगों को बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवरेज, आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से अमृत योजना(AMRUT 2.0) –2022 से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे उद्देश्य, लाभ, पात्रता, विशेषताएं ,महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन की प्रक्रिया आदि स्पष्ट करने जा रहे हैं।
अमृत योजना (AMRUT 2.0) 2022 का उदेश्य:
हाल ही में प्रधानमंत्री ने कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (AMRUT 2.0) के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (MoHUA) योजना के लिये नोडल मंत्रालय है। इस योजना की शुरूआत वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि शहरी क्षेत्रों के परिवारों को बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, शहरी परिवहन के साथ ही साथ सुख सुविधाएं मुहैया कराए जाएंगे। जिससे गरीबों और वंचित परिवारों के जीवन स्तर में सुधार आ सके। मिशन के तहत प्राकृतिक संसाधनों का टिकाऊ उपयोग सुनिश्चित करने के लिये स्वच्छ जल निकायों को प्रदूषित होने से बचाया जाएगा। जल के समान वितरण, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग और जल निकायों के मानचित्रण का पता लगाने के लिये शहरों में पेयजल सर्वेक्षण किया जाएगा। इससे पानी की ज़रूरत को पूरा करने, जल निकायों को फिर से जीवंत करने, जलभृतों का बेहतर प्रबंधन, उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग करने के लिये अमृत मिशन की प्रगति सुनिश्चित करेगा, जिससे पानी की एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। सरकार द्वारा Amrit Yojana के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 39.2 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। जिसमें शहरी सड़कों के लिए 17.3 लाख करोड़ और जलापूर्ति, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और वर्षा जल निकासी जैसी सेवाओं के लिए 8 रुपये लाख करोड़ शामिल हैं। इसके आलावा प्रचालन और अनुरक्षण (ओएंडएम) के लिए 19.9 लाख करोड़ का अलग से अनुमान लगाया गया था। यह 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का 100% कवरेज प्रदान करेगा। उपचारित अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग से शहरों की कुल पानी की ज़रूरत का 20% तथा औद्योगिक मांग का 40% पूरा होने की उम्मीद है।
- इस योजना की शुरूआत वर्ष 2011 में की गई l
- अमृत मिशन (2.0) को हर घर में पानी की सुनिश्चित आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन के साथ सभी की नल तक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये जून 2015 में शुरू किया गया था
- अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 4,700 ULB (शहरी स्थानीय निकाय) में सभी घरों में पानी की आपूर्ति के मामले में 100% कवरेज प्रदान करना है।
- अमृत योजना के तहत परिवार को बुनियादी एवं सुख सुविधाएं मुहैया कराने हेतु भारत सरकार द्वारा अमृत योजना का शुभारंभ किया गया है।
- इस योजना के माध्यम से शहरों में परिवारों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य है।
- इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योर्स (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) को प्रोत्साहित करके आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री अमृत मिशन के द्वितीय चरण के प्रमुख क्षेत्र:
1 जलापूर्ति प्रबंधन:
मौजूदा जलापूर्ति में वृद्धि करने जल शोधन संयंत्रों अरु सभी जगहों पर मीटर लगाने सहित वर्षा जल आपूर्ति प्रणाली। शोधन संयंत्रों सहित पुरानी जलापूर्ति प्रणालियों का पुनर्स्थापन। विशेषतया पेयजल आपूर्ति और भूमिगत जल पुनःभरन के लिए जलाशयों क पुनरुद्धार। उन क्षेत्रों सहित जिनमें जल की गुणवत्ता सम्बन्धी समस्याएँ है (उदाहणार्थ आरसेनिक, फ्लोराइड) दुर्गम क्षेत्रों, पहाड़ी और तटीय शहरों के लिए विशेष जलापूर्ति प्रबंधन।
2 सीवरेज प्रबंधन:
मौजूदा सीवरेज प्रणालियों और सीवरेज शोधन संयंत्रों के संवर्द्धन सहित विकेंद्रीकृत, नेटवर्कबद्ध भूमिगत सीवरेज प्रणालियाँ। पुरानी सीवरेज प्रणालियों और शोधन संयंत्रों का पुनर्स्थापन। लाभकारी प्रयोजनों के लिए जल का पुनचक्रण और अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग।
3 सेफ्टेज प्रबंधन:
मल गाद प्रबंधन-कम लागत पर सफाई, परिवहन और शोधन। सीवर और सेफ्टिक टैंकों की यांत्रिकी और जैविक सफाई और प्रचालन की पूरी लागत वसूली l
4 वर्षा जल निकासी:
बाढ़ को कम करने और समाप्त करने के उद्देश्यों से नालों और वर्षा जल नालों का निर्माण और सुधार।
5 शहरी परिवहन:
अंतर्देशीय जल मार्ग (पोत/खाड़ी अवसंरचना के छोड़कर) के लिए जलयान और बस। गैर मोटरीकृत परिवहन (जैसे साईकिलों) के लिए फुटपाथ/पथ, पटरी, फुट ओवरब्रिज।बहुस्तरीय पार्किंग। द्रुत बस परिवहन प्रणाली (बीआरटीएस)।
6 हरित स्थल और पार्क:
बच्चा हितैशी घटकों के लिए विशेष प्रावधान के साथ हरित स्थल और पार्कों का निर्माण करना।
7 सुधार प्रबंधन और सहायता:
सुधार कार्यान्वयन के लिए सहायता संरचना, कार्यकलाप और वित्तपोषण सहायता।
स्वतंत्र सुधार मोनिटरिंग एजेंसियां।
8 क्षमता निर्माण:
इसके दो घटक हैं व्यक्तिगत और सांस्थानिक क्षमता निर्माण-
क्षमता निर्माण मिशन शहरों तक सिमित नहीं होगा बल्कि अन्य शहरी अन्य शहरी स्थानीय निकायों तक भी इसका विस्तार किया जाएगा। नये मिशनों के साथ इसके रिएलायनमेंट के बाद व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सिसिबीपी)
अमृत योजना की विशेषताएं:
केंद्रीय सरकार द्वारा की गई इस योजना की विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:-
- इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 25 जून सन 2015 को लांच की थी।
- अमृत योजना में शामिल होने पर शहर का कायाकल्प हो सकेगा।
- PM Amrit Yojana के अंतर्गत केंद्र सरकार छोटे चेहरे व कब्जों को या फिर शहरों में कुछ अनुभवों को चुनने और वहां पर बुनियादी सुविधाएं स्थापित करेंगे।
- मौजूदा जलापूर्ति में वृद्धि करने जल शोधन संयंत्रों और सभी जगहों पर मीटर लगाने सहित वर्षा जल आपूर्ति प्रणाली।
- शोधन संयंत्रों सहित पुरानी जलापूर्ति प्रणालियों का पुनर्स्थानपन ।
- विशेषतया पेयजल आपूर्ति और भूमिगत जल पुन:भरण के लिए जलाशयों का पुनरूद्धार।
- अमृत योजना के माध्यम से 5000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री अमृत योजना का पूरा नाम अटल नवीकरण और शायरी परिवर्तन मिशन है।
- इस मिशन का उद्देश्य देश के सभी शहरों में पानी की जलापूर्ति, सीवेज कनेक्शन प्रदान करना है।
- हर क्षेत्र के अंतर्गत नगर निकाय की कमेटियां होंगी जो इस परियोजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी उठाएंगे।
- इस योजना के तहत शहर में रहने लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिससे अपना जीवन यापन आसानी से कर सकेंगे।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप इसमें जल्दी से आवेदन करें।
अमृत योजना की पात्रता:
वह सभी व्यक्ति को इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें नीचे दिए गए पात्रता मानदंड को पूरा करना होगा:-
- उम्मीदवारों को भारत का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है।
- सरकार द्वारा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एवं आस्था कार्ड धारक परिवारों की जारी की गई सूची में उल्लेखित परिवार का मुखिया की आयु सीमा।
- आयु 18 वर्ष से 59 वर्ष (दोनों तिथियां सम्मिलित तथा आयु पिछले जन्मदिन पर) के बीच की हो।
अमृत योजना के महत्वपूर्ण दस्तावेज:
आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आय प्रमाण पत्र, एनएफएसए कार्ड, आवेदक का फोटो , डॉक्टर द्वारा अटेस्टेड, जन्म प्रमाण पत्र, ईपीआईसी कार्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र – सामान्य एवं दुर्घटना की दशा में मृत्यु होने पर। पोस्टमार्टम रिपोर्ट – दुर्घटना के कारण मृत्यु की दशा में। प्रथम सूचना रिपोर्ट – दुर्घटना के कारण मृत्यु/ स्थायी अपंगता की दशा में। पुलिस अंवेषण रिपोर्ट – दुर्घटना के कारण मृत्यु/स्थायी अपंगता की दशा में।
अमृत मिशन का प्रथम चरण:
इस योजना की शुरूआत वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। अमृत मिशन के तहत शहरों में 1.14 करोड़ नल कनेक्शन के साथ कुल 4.14 करोड़ कनेक्शन किये गए हैं। 470 शहरों में क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 164 शहरों को निवेश योग्य ग्रेड रेटिंग (IGR) प्राप्त हुई है, जिसमें 36 शहर A- या उससे ऊपर की रेटिंग वाले हैं। 10 ULB ने म्युनिसिपल बॉण्ड के ज़रिये 3,840 करोड़ रुपए जुटाए हैं। ऑनलाइन भवन निर्माण अनुमति प्रणाली को 455 अमृत शहरों सहित 2,471 शहरों में लागू किया गया है। इस सुधार से वर्ष 2018 की विश्व बैंक की डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट (डीबीआर) की भारतीय रैंकिंग 181 रैंक से वर्ष 2020 में 27 हो गई। 89 लाख पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा कुशल एलईडी लाइटों से बदल दिया गया है, जिससे प्रतिवर्ष 195 करोड़ यूनिट की अनुमानित ऊर्जा बचत और CO2 उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 15.6 लाख टन की कमी आई है।