QUAD / Quadrilateral Security Dialogue/ क्वाड / चतुर्भुज सुरक्षा संवाद मंच/2007/2022

चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD- Quadrilateral Security Dialogue) अर्थात् क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच है। यह 'मुक्त, खुले और समृद्ध' भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने और उसके समर्थन के लिये इन देशों को एक साथ लाता है। क्वाड की अवधारणा औपचारिक रूप से सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी, हालाँकि चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। शिंज़ो आबे द्वारा वर्ष 2012 में हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका को शामिल करते हुए एक ‘डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड’ (Democratic Security Diamond) स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया गया। ‘क्वाड’ समूह की स्थापना नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी बाहरी शक्ति (विशेषकर चीन) के प्रभाव से मुक्त रखने हेतु नई रणनीति बनाने के लिये हुई और आसियान शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले इसकी पहली बैठक का आयोजन किया गया।

 

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सम्मेलन की खास बातें

 

  • हिंद-प्रशांत में अवसंरचना विकास पर 50 अरब डॉलर खर्च पर सहमति
  • भारतीय कोरोना वैक्सीन की तारीफ, ऑस्ट्रेलिया व जापान ने कहा, इससे महामारी से लड़ने में मदद मिली
  • पीएम मोदी ने यूक्रेन पर भारत की सैद्धांतिक स्थिति दोहराई
  • अगला क्वाड सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया में
  • क्वाड फेलोशिप की शुरुआत

 

क्वाड शिखर सम्मेलन में हुई विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा:

 

1  आतंकवाद


क्वाड नेताओं ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना दुनिया में किसी भी रूप में आतंकवाद की निंदा की। 26/11 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले की निंदा की गई। नेताओं ने दोहराया कि किसी भी आधार पर आतंकी कृत्यों का औचित्य नहीं हो सकता। किसी भी रूप में आतंकवाद को बढ़ावा देने, सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद, आतंकियों को मदद या सैन्य सहयोग पहुंचाने वालों की निंदा की गई।

 

2  सुरक्षा और खुफिया

 

QUAD संगठन का मकसद है कि महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग किसी भी तरह के राजनीतिक और सैन्य दबाव से मुक्त रहें. इसके अलावा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी यह संगठन काम करता है. कहा जाता है कि QUAD रणनीतिक तौर पर चीन के आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में उभार को काउंटर करता है. यही वजह है कि यह गठबंधन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. चीन का भारत के साथ लंबे समय से सीमा विवाद रहा है, ऐसे में अगर सीमा पर उसकी आक्रामकता ज्यादा बढ़ती है, तो उसे रोकने के लिए भारत QUAD के अन्य देशों की मदद ले सकता है.

 

क्वाड पहले से ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खतरों को लेकर खुफिया जानकारी साझा करने में सहयोग कर रहा है। बैठक में सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया कि उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिये नहीं किया जाता है और ऐसे हमलों के अपराधियों की  शीघ्र से शीघ्र न्यायिक जाँच की जाए। उन्होंने दक्षिण-पूर्वी चीन के समुद्री क्षेत्र में चीन की कार्रवाइयों का परोक्ष संदर्भ देते हुए एक स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें राज्य उन क्षेत्रों में जो किसी भी प्रकार की ज़बरदस्ती से मुक्त हैं, अपने लोगों के हितों की रक्षा करने का प्रयास करते हैं।

 

3  वैक्सीन पहल पर रुख/ भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की तारीफ


अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हम ‘भारत-अमेरिका टीका कार्रवाई कार्यक्रम’ का नवीनीकरण कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘हमारे देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे. मैं भारत-अमेरिका साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारियों में से एक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.’’ भारत क्वाड वैक्सीन साझेदारी के तहत सुरक्षित और किफायती मेड इन इंडिया वैक्सीन जैसे कि  कॉर्बेवैक्स और कोवोवैक्स (COVOVAX and CORBEVAX) की आपूर्ति के लिये तैयार है। वर्ष 2022 के अंत तक इंडो-पैसिफिक देशों को भारत में उत्पादित कम-से-कम एक बिलियन टीके वितरित करने हेतु प्रमुख क्वाड वैक्सीन पहल (Quad Vaccine Initiatives) के लिये नई प्रतिबद्धता और वैश्विक स्तर पर 1.3 बिलियन वैक्सीन खुराक वितरित करने की प्रतिबद्धत्ता व्यक्त की गई। मार्च 2021 में क्वाड वैक्सीन साझेदारी की घोषणा की गई थी।

 

4  संयुक्त बयान में चीन की कार्रवाई का विरोध


क्वॉड नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर चीन की तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई का विरोध किया. बयान में कहा गया है कि हम पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में परिलक्षित अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का समर्थन करते हैं. हम ऐसी किसी भी बलपूर्वक, उकसावपूर्ण या एकतरफा कार्रवाई का पुरजोर विरोध करते हैं, जिसके जरिये यथास्थिति को बदलने और तनाव बढ़ाने की कोशिश की जाए. चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है. हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते हैं. चीन ने दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल द्वीप और सैन्य अड्डे भी बनाए हैं. 

 

5  क्वाड-ऑकस से बढ़ गई है चीन की चिंता / चीन को QUAD से क्या दिक्कत है?
 

चार शक्तिशाली देशों के इस संगठन से चीन को हमेशा से समस्या रही है. क्योंकि ये चारों देश सैन्य क्षेत्र में काफी मजबूत हैं. नेवी के मामले में भी चीन इन चारों देशों से हर तरफ से घिर जाता है. यही वजह है कि चीन को कभी भी ये संगठन फूटी आंख नहीं सुहाते हैं. चीनी कई बार आरोप भी लगाता है कि QUAD उसके हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करता है. कई मौकों पर चीन, क्वाड को एशियाई NATO तक कह चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की सबसे बड़ी चिंता QUAD में भारत के जुड़े होने से है. चीन को डर है कि अगर भारत अन्य महाशक्तियों के साथ गठबंधन बनाता है तो वह भविष्य में उसके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी की इस टिप्पणी से साफ झलकता है कि ‘क्वॉड’, को लेकर चीन चिंतित है. ‘क्वॉड’ में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. चीन का मानना है कि इस गठबंधन का एक ही मकसद उसे चारों तरफ से घेरना है.

 

एक ऐसे ही गठबंधन ‘ऑकस’ को लेकर भी चीन का यही मानना है ‘क्वॉड’ और ‘ऑकस’ किसी न किसी तरह एक दूसरे के जुड़े हुए हैं. बता दें कि ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. क्वाड की तरह ‘ऑकस’ भी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि चीन क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर मानक स्थापित करने की हैसियत हासिल न करे. बता दें कि ‘क्वॉड’ और ‘ऑकस’ के अलावा के अलावा भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कई छोटी-छोटी साझेदारियां कायम हुई हैं, जिनका मकसद इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करना है.

 

6  म्याँमार संकट पर क्वाड का रुख:

 

यह म्याँमार संकट को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है और हिंसा को समाप्त करने, विदेशियों सहित मनमाने ढंग से हिरासत में लिये गए सभी लोगों की रिहाई और निर्बाध मानवीय पहुँच का आह्वान करता है। इसने म्याँमार में समाधान तलाशने हेतु दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के प्रयासों के लिये अपने समर्थन की पुष्टि की तथा सैन्य शासन से आसियान की पाँच सूत्री सहमति को तत्काल लागू करने और म्याँमार को लोकतंत्र के रास्ते पर वापस लाने का आह्वान किया। इसने हिंसा को समाप्त करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय समुदायों को साथ मिलकर कार्य करने के लिये प्रोत्साहित किया।

 

7  नए व्यापार समझौते की शुरुआत 


वहीं, क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बाइडन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नए व्यापार समझौते की शुरुआत की थी, जिसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है. बाइडन ने कहा कि अमेरिका इस नयी पहल से गहराई से जुड़ा है और इस क्षेत्र के सकारात्मक भविष्य के संबंध में अपने प्रयासों को लेकर प्रतिबद्ध है. समझा जाता है कि ‘समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप’(आईपीईएफ) के जरिए अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि वह इस क्षेत्र में चीन की आक्रामक कारोबार नीति का मुकाबला अपनी मजबूत आर्थिक नीति को आगे बढ़ाकर करना चाहता है.

 

पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति बाइडन ने डिजिटल माध्यम से क्वाड नेताओं की बैठक की मेजबानी की थी. इसके बाद सितंबर में वाशिंगटन में समूह के नेताओं की आमने-सामने बैठक हुई थी. क्वाड नेताओं की मार्च में भी डिजिटल बैठक हुई थी. ऑस्ट्रेलिया 2023 में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

 

8  भारत और अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी

 

क्वाड सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंध विश्वास की साझेदारी है। वहीं बाइडन ने कहा, अमेरिका भारत के साथ दुनिया की सबसे करीबी दोस्ती कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने भारत अमेरिका के बीच रक्षा एवं आर्थिक साझेदारी को और मजबूती देने व दुनिया में अधिक समृद्धि, खुलापन व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी ने कहा, भारत और अमेरिका की मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी। दोनों देश कई क्षेत्रों में साझा मूल्य व समान हित रखते हैं। मोदी ने ट्वीट कर बाइडन के साथ अपनी द्विपक्षीय बातचीत को सार्थक बताया। मोदी ने कहा, मुझे यकीन है कि हमारे बीच भारत-अमरीका निवेश प्रोत्साहन समझौते से निवेश की दिशा में ठोस प्रगति होगी। हम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर आपसी समन्वय को भी मजबूत कर रहे हैं। हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी दोनों देश समान दृष्टिकोण रखते हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज से भी मिले। मुलाकात के बाद अल्बनीज ने ट्वीट किया, हमने ऑस्ट्रेलिया और भारत के पूर्ण सामरिक और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा की।

 

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9   उभरती प्रौद्योगिकियों पर नेताओं का रुख:

 

जलवायु परिवर्तन, महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, आतंकवाद विरोधी, बुनियादी ढाँचे मानवीय-सहायता और आपदा-राहत (HADR) तथा समुद्री डोमेन ज़ागरूकता सहित वर्ष 2021 में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान पहचाने गए सहयोग के अन्य क्षेत्रों में रिकॉर्ड प्रगति। QUAD समान विचारधारा वाले भागीदारों के सहयोग से एक विविध, खुले और अंतर-संचालित दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिये 5G प्रौद्योगिकी और विक्रेता विविधीकरण पर कार्य कर रहा है।

 

10  क्वाड फेलोशिप की शुरुआत


चारों सदस्य देशों के नेताओं ने क्वाड फेलोशिप का शुभारंभ किया। इसे चारों सदस्य देशों के वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों की अगली पीढ़ी के बीच संबंध बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।

 

बैठक में भारत का रुख:

 

भारत क्वाड वैक्सीन साझेदारी के तहत सुरक्षित और किफायती मेड इन इंडिया वैक्सीन जैसे कि  कॉर्बेवैक्स और कोवोवैक्स (COVOVAX and CORBEVAX) की आपूर्ति के लिये तैयार है। क्वाड (QUAD) एक ऐसा एजेंडा तैयार कर रहा है जो भारत के स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है।

 

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अधिक भरोसेमंद और लचीली आपूर्ति शृंखला बनाने तथा रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिये मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया है। इससे पहले वर्ष 2021 में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने औपचारिक रूप से ‘सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव’ (SCRI) शुरू किया। उदार लोकतंत्र के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय जल में नौवहन की स्वतंत्रता, सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए सभी के लिये कनेक्टिविटी, विकास एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।

 

भारत हिंद-प्रशांत में शांति एवं स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिये मिलकर काम करने का इच्छुक है।  भारत ने भारत-म्याँमार सीमा पर उग्रवाद की चुनौती की ओर इशारा किया। साथ ही इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि भारत किसी भी प्रकार के ‘राष्ट्रीय प्रतिबंधों’ के विरुद्ध है। अमेरिका ने म्याँमार सेना के कई प्रतिनिधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

 

भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की रूस की धमकी पर पूर्ण राजनयिक चुप्पी बनाए रखी।


पीएम मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारत के साथ साझेदारी कर रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल में शामिल होने का न्योता दिया। अमेरिका ने भी भारत के छह टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के साथ मिलकर 2022 में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को सहयोग करने की योजना बनाई है।

 


इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने तोक्यो में चार देशों के समूह Quadrilateral Security Dialogue के नेताओं की मौजूदगी में हुई शिखर वार्ता में कहा कि इसके सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों को नयी ऊर्जा दे रहा है, बल्कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहित भी कर रहा है. क्वाड समूह के नेताओं की बैठक यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण और चीन के साथ प्रत्येक सदस्य देश के द्विपक्षीय संबंधों में लगातार आ रही गिरावट से उपजे समीकरणों के बीच जापान की राजधानी में हुई है. मोदी ने क्वाड नेताओं को भारतीय कला के नायाब नमूने भेंट किए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को टोक्यो से भारत रवाना होने से पहले क्वाड नेताओं को भारतीय कला के नायाब नमूने भेंट किए। इनमें गोंड कला की पेंटिंग, सांझी कला के प्रतीक से लेकर हाथ की नक्काशी वाले लकड़ी के बक्से, पट्टूमदाई रेशम की चटाई शामिल थे। 2022 - क्वाड समिट की मेजबानी जापान ने टोक्यो में की थी।क्वाड सदस्य देशों ने 2023 में अगला व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन आस्ट्रेलिया में आयोजित करने की जानकारी दी गई।

 

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